Holi पर शुरू करे गुलाल बनाने का बिज़नेस (Start Organic Gulal Manufacturing Business) गुलाल बनाने का तरीका
ऐसा कहा जाता हैं कि दुनिया भर में जितना भी रंग हैं वह सब इंसान में किसी न किसी रूप में मौजूद हैं। और भारत जैसे देश में जहां रंगों के त्यौहार Holi को बेहद धूम धाम से मनाया जाता हैं, जिससे रंगो की अहमियत और भी बढ़ जाती हैं।
भारत में लोग Holi के दौरान अपने आँखों, त्वचा और बालो को सुरक्षित रखने के लिए नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन जैसे जैसे बक्त बीत रहा हैं ज्यादा तर लोग रासायनिक रंगो के बजाये आर्गेनिक गुलाल को पसंद करने लगे हैं। आर्गेनिक गुलाल के इस्तेमाल से बढ़ो और खास कर बच्चों की मुलायम त्वचा, आंखे और बाल सुरक्षित रहते हैं साथ ही साथ पर्यबरण के अनुकूल यह रंग, जनबरों को भी हानि नहीं पहुंचता है। तो आईये जानते हैं - Organic Gulal Manufacturing Business के बारे में।
गुलाल बनाने का व्यापार शुरू करें (How to Start Organic Gulal Manufacturing Business)
गुलाल बनाने का व्यापार को आप आपके घर के एक छोटे से कमरे से भी शुरू कर सकते हैं। गुलाल बनाने की सारी जानकारी निचे दी गयी हैं -
गुलाल बनाने का तरीका (Organic Gulal Manufacturing Process)
आर्गेनिक गुलाल बनाने का तरीका काफी आसान हैं, आर्गेनिक गुलाल बनाने के लिए कच्ची सामग्री के तौर पर आपको अलग अलग रंग के कच्चे सब्जी का जरुरत परेगा। जैसे : पालक से हरा रंग मिलता हैं, धनिया से धानी रंग, चुकन्दर से लाल रंग आदि। तो आइए अब इन सब्जिओं से कैसे गुलाल बनाया जाता हैं इसके बारे में जानते हैं -
- पहले यह पालक को खेतों से ले आ कर छोटे छोटे टुकड़ों में काटा जाता हैं।
- काटने के बाद जो पालक निकलते हैं उसको मिक्सचर मशीन में ग्राइंड किया जाता है।
- इसके बाद पालक के जो रस निकालते हैं उसे एक सफ़ेद कपड़े में रखकर छाना जाता हैं।
- छानने के बाद जो रस प्राप्त होता है उसे अरारोट में मिलाया जाता हैं।
- इसके बाद जो हरा गुलाल मिलेगा उसे पहले छानना पड़ेगा और इसमें मन चाहे खुसबू के लिए आवश्यक इतर मिलाया जाता है।
- जिसके बाद इस आर्गेनिक गुलाल को पैक करके बाजार में सप्लाई कर दिया जाता हैं।
गुलाल बनाने की मशीन (Organic Gulal Manufacturing Machine)
आर्गेनिक गुलाल बनाने के लिए कोई मशीन का जरुरत नहीं होता हैं। लेकिन इसमें कुछ सामग्री का जरुरत होता हैं जैसे -
- मिक्सचर मशीन
- सफ़ेद कपड
- सब्जी काटने की मशीन
लेकिन जो रासायनिक गुलाल बनते हैं उसके लिए कुछ मशीन का आवश्यकता होता हैं, जैसे -
मशीनरी | लागत |
---|---|
ऑटोमेटिक हर्बल ग्राइंडिंग मशीन | - |
ऑटोमेटिक हर्बल गुलाल ग्राइंडर मशीन | - |
गुलाल पाउडर पैकिंग मशीन | 4.80 लाख |
गुलाल के पैकेजिंग (Packaging of gulal)
आमतौर पर गुलाल के पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक के छोटे छोटे पैकेट के जरुरत होता हैं। इसके अलाबा इसे बड़ी पैकेट, छोटे डिब्बे, थैला आदि में भी पैकेट करके बेचा जाता हैं।
आप जब भी बनाये हुए गुलाल को बेचेनेंगे तब बाजार में जिस तरह के पैकेट जादा किये जाते हैं उसको देखकर ही पैकेट करे, इससे आपको ज्यादा फ़ायदा होगा और उसकी बिकने की चांस भी बढ़ जायेगा।
गुलाल बनाने के लिए लेबर (labor to make gulal)
अगर बात किया जाये इस बिजनेस के लेबर के बारे में तो इसके लिए आपको लगभग 5 से 10 लेबर की जरुरत होगी, जिसमे 2 से 3 कुशल लेबर की भी जरुरत होगी।
गुलाल बनाने में आप आपके गावं या आस पास के गावं से महिलाओं को काम दे सकते हैं, वह लोग इसे आसानी से कर सकते हैं। जिससे उनका भी काफी अच्छा होगा और आपको भी कही सारे मेहनती लेबर मिल जायेगा।
गुलाल बनाने के बिजनेस की कुल लागत (Total cost of Gulal making business)
आर्गेनिक गुलाल बनाने के बिजनेस की कुल लागत की बात करे तो आप इस बिज़नेस को बहुत ही काम लागत पर लगभग 10 हज़ार से 50 हज़ार रूपए में शुरू कर सकते हैं।
लेकिन अगर आप रासायनिक गुलाल बनाने के बिज़नेस को शुरू करेंगे तो इसमें आपको थोड़ा ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ेगी। क्यूंकि इसमें कुछ मशीनरी की जरुरत होती हैं जिसकी कॉस्ट काफी ज्यादा हैं और इसके साथ बड़ी जगह की जरुरत होती हैं, इलेक्ट्रिसिटी का भी खर्चा ज्यादा आता हैं।
निष्कर्ष
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
गुलाल बिजनेस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न -
1. होली के समय पर कौन से बिजनेस किया जा सकता है?
होली के समय पर आप छोटे या बड़े स्तर पर कही सारे बिज़नस कर सकते हैं। जैसे गुलाल बनाने की बिज़नेस, मिठाई सामग्री के बिज़नेस, पूजा सामग्री का बिज़नेस, पिचकारी का बिज़नेस,अबीर बनाने की बिज़नेस आदि।
2. गुलाल किस चीज़ से बनता है?
अच्छी किस्म का व्यावसायिक गुलाल अरारोट या मैदे को "डाइ" (रासायनिक रंग) से रंग कर बनाया जाता है, कुछ निर्माता इसका वजन बढाने हेतु इसमे पत्थर का बहुत महीन पाउडर मिला देते हैं, व कुछ सस्ता बेचते हैं।
इको फ्रैंडली गुलाल, अरारोट मे वनस्पति रंग मिला कर बनाया जाता है। पर यह काफी महंगा व सीमित मात्रा मे उपलब्ध होता है।